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Rajasthan Government Health Scheme (RGHS) Frequently Asked Questions (FAQs) आरजीएचएस क्या है ? आरजीएचएस का लाभार्थी कौन बन सकता है ? आरजीएचएस पंजीयन कि पुर्ण Process ? आरजीएचएस लाभार्थी बनने के लिए आवश्यक दस्तावेज कौनसे है ?
आरजीएचएस राजस्थान सरकार द्वारा वर्ष 2021-22 बजट घोशणा के बिन्दु संख्या 244 के तहत सी.जी.एच.एस. की तर्ज पर कैशलेस चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवाने हेतु प्रदेश में लागु की गई है।
राज्य सरकार के माननीय मंत्री, विधायकगण/पुर्ण विधायकगण, न्यायिक सेवा के सेवारत और सेवानिवृत न्यायाधीश, अखिल भारतीय सेवा के सेवारत अधिकारी व पेंशनर्स एवं राज्य के सरकारी, अर्द्ध सरकारी निकाय, बोर्ड, निगम आदि के अधिकारी, कर्मचारी तथा पेंशनर एवं उनके आश्रित परिजन योजना का का लाभार्थी बन सकते है।
आरजीएचएस का लाभार्थी बनने के लिये सर्वप्रथम पंजीयन कराना आवश्यक है। इसके लिये आरजीएचएस के वेब पॉर्टल पर स्वयं के एस.एस.ओ. आई-डी लॉग-ईन कर लाभार्थी बन सकते है।
आरजीएचएस पंजीयन कि पुर्ण Process के लिए निम्न लिंक पर क्लिक करें
जी हां, आरजीएचएस पर पंजीयन स्मार्ट फोन से सरलता पूर्वक किया जा सकता है।
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आरजीएचएस “फैमिली“ का अर्थ है लाभार्थी के पति/पत्नी तथा कर्मचारी पर आश्रित 25 वर्ष तक की दो संतान एवं माता पिता जो सामान्यतः कर्मचारी के पदस्थापन के स्थान पर रहते हो जिनकी मासिक आय रू 6 हजार या उससे कम हो।
नोटः जो पेन्शनर्स RSC पेन्शनर्स रूल्स 1996 के अन्तर्गत आते है उन पर उक्त “फैमिली“ लागू नहीं है।
पेन्शनर्स के लिए आरजीएचएस “फैमिली“ का अर्थ है पेन्शनर्स के पति/पत्नी, दिव्यांग बेटा और बेटी जो पूर्णतः पेन्शनर्स पर आश्रित हो एवं सामान्यतः पेन्शनर्स के साथ रहते हो।
आरजीएचएस कार्ड में नाम, जन्म दिनांक एवं कर्मचारी से संबंध आदि से संबंधित सूचना गलत होने पर जनाधार कार्ड में शुद्धिकरण करवा कर सहीं करवाया जा सकता है।
जी हां, यह योजना परिविक्षाधीन अधिकारियों/कर्मचारियों पर अनिवार्य रूप् से लागू होगी।
जी हां, 01.01.2004 ओर उसके पश्चात नियुक्त पति-पत्नी को एक हीे आरजीएचएस कार्ड पर दोनो को पृथक-पृथक प्राप्त होने वाले लाभ के बराबर परिलाभ प्राप्त होंगे।
प्रथम प्रसव से यदि एक से अधिक जीवित संतान है तो उनको पृथक इकाई माना जावेगा।
प्रथम प्रसव से यदि एक जीवित संतान है एवं द्वितीय प्रसव से जुडवा बच्चों के होन की स्थिति में दोनो को एक ही इकाई माना जायेगा।
आरजीएचएस योजना अन्तः रोगी चिकित्सा (IPD), डे-केयर, मातृत्व-चिकित्सा आदि सुविधा के लिए कैशलेस है।
कर्मचारी एवं उसके आश्रित परिवारजन राजकीय अस्पतालों/राज्य सरकार एवं विभाग द्वारा सूचीबद्ध (Empaneled) निजी अस्पतालों मे ईलाज करवा सकता है।
गैर अनुमोदित चिकित्सालय में आपातकालीन परिस्थितियों में कुछ बीमारियों के लियें सी.जी.एच.एस. पैकेज दरो पर दावों का पुनर्भरण देय है। जिसमें निम्न बीमारियों को सम्मिलित किया गया है।
Coronary Artery Surgery, Vascular Surgery, Hodgkin's Disease, Acute Retention of urine more than 24 hrs., Acute Myocardial infarction, Acute Pneumonitis, Acute Respiratory Distress, Cancer, renal failure i.e. failure of both the kidney, Stroke, Multiple Sclerosis, Meningitis, Major organ Transplants like Kidney ,Lungs, Pancreas, Heart, Liver or Bone Marrow, Accidents, Delivery, Tubal Pregnancy and related complication, swine flu, dengue fever, burst Appendicitis, Pancreatitis etc. can be covered under as cases of grave emergency.
हां, योजना के अन्तर्गत कोविड-19 के उपचार को शामिल किया गया है। गैर अनुमोदित अस्पताल में भी कोविड-19 का उपचार कराने पर पुरर्भरण देय है।
श्रेणी |
वेतन श्रृंखला |
राजकीय अस्पतालों में पात्रता |
अधिकृत निजी अस्पतालों में पात्रता |
1 |
36000/- रू. तक |
सामान्य वार्ड |
सामान्य वार्ड |
2 |
36001/- रू. से 63000/- रू. तक |
कॉटेज |
अर्ध निजी वार्ड |
3 |
63001/- रू. और उससे अधिक |
डीलक्स |
निजी वार्ड |
जिस लाभार्थी का जन-आधार कार्ड बना हुआ नहीं है, उन्हे जन-आधार कार्ड बनवाया जाकर ही योजना का लाभ ले सकता है। उक्त जन-आधार संख्या/जन-आधार पंजीयन संख्या के आधार पर आरजीएचएस लाभार्थी बन सकते है।
नहीं, पूर्व में जारी भामाशाह कार्ड के स्थान पर राज्य सरकार द्वारा निःशुल्क जन आधार कार्ड वितरित किये गये है। जो लाभार्थी नवीन कार्ड के लिए आवेदन करते है, उन्हे जन-आधार कार्ड जारी किया जाता है।
01.01.2004 के बाद के कर्मचारियों के ई-वॉलेट में राशि प्रति परिवार रू 5 लाख रखी गयी है एवं गंभीर बीमारियों के लिए अतिरिक्त 5 लाख प्रति परिवार की सुविधा रखी गयी है।
नहीं, यह राशि एक वर्ष के लिए ही है। यदि राशि शेष रह जाती है तो वह योजना प्रारम्भ होने से एक वर्ष की समाप्ति पर स्वतः ही कालातीत हो जाती है। अगले वर्ष नये सिरे से स्वास्थ्य परिलाभ होगा।
परिवार के वॉलेट में उपलब्ध राशि के शेष रहने तक लाभार्थी परिवार द्वारा इस योजना में आवश्यकता अनुसार कितनी भी बार इलाज करवाया जा सकता है।
हां, इस योजना के अन्तर्गत योजना चालू होने से पूर्व की बीमारियों हेतु भी चिकित्सा कवर सम्मिलित है।
हां, योजना के अन्तर्गत पात्र परिवार के जनआधार कार्ड के विवरण में नाम सम्मलित नही होते हुए भी उस परिवार के एक वर्ष तक की आयु के बच्चे को योजना के अन्तर्गत इलाज देने का प्रावधान रखा गया है।
हां, परन्तु इसके लिये नवीन वधु का नाम परिवार के जन-आधार कार्ड में तत्काल जुडवाया जाये। इसके लिए वो अपने नजदीकी ई-मित्र केन्द्र अथवा राजीव गांधी सेवा केन्द्र पर जाकर अपना नाम जुडवा सकते है। जन-आधार कार्ड में नाम होने पर ही योजना का लाभ प्राप्त हो सकेगा अन्यथा लाभ नहीं मिलेगा।
नही, जन-आधार कार्ड में नाम होने पर ही योजना का लाभ प्राप्त हो सकेगा। यदि परिवार के किसी भी सदस्य का नाम जन-आधार कार्ड में जुडने से रह गया है तो उसका नाम भी तत्काल जुडवाया जायेे।
आरजीएचएस लाभार्थियों का श्रेणीवार विवरण वेबसाइट www.rghs.rajasthan.gov.in पर उपलब्ध है।
आरजीएचएस से संबंधित किसी भी प्रकार की जानकारी Toll free Number 1800 180 6268 से प्राप्त कर सकते है।
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