हिंदी भारत मे वृतह रूप से बोली जाने वाली भाषाओं में से एक है और ‘विश्व हिंदी दिवस (World Hindi Day)’ हिन्दी के सम्मान के लिए एक दिन समर्पित किया जाता है. भारत मे कई हिंदी भाषी राज्यों में आधिकारिक भाषा के रूप में देवनागरी लिपि में हिंदी को अपनाने के उपलक्ष्य में प्रत्येक साल 14 सितंबर को ये विशेष दिन मनाया जाता है.
हिंदी को भारत गणराज्य की दो आधिकारिक भाषाओं के रूप में 1949 में भारत की संविधान सभा मे इसे अपनाया गया .
विश्व हिंदी दिवस या वर्ल्ड हिंदी डे (World Hindi Day) प्रत्येक साल 10 जनवरी को मनाया जाता है, 1975 में आयोजित प्रथम विश्व हिंदी सम्मेलन की वर्षगांठ को चिह्नित करने के लिए. भारत की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने प्रथम विश्व हिंदी सम्मेलन का उद्घाटन किया था. 1975 के बाद से दुनिया के कई देशों जैसे मॉरीशस, यूनाइटेड किंगडम, त्रिनिदाद और टोबैगो, संयुक्त राज्य अमेरिका ने विश्व हिंदी सम्मेलन का आयोजन किया है.
पहली बार 10 जनवरी 2006 को भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के माध्यम से विश्व हिंदी दिवस मनाया गया था. और जब से हिन्दी को वैश्विक भाषा के रूप में प्रोमोट करने के लिए 10 जनवरी को विशेष दिवस मनाया जाता है.
अंग्रेजी और मंदारिन के बाद हिंदी भाषा दुनिया की व्यापक रूप से बोली जाने वाली भाषाओं में से एक है. भाषाओ मे विविधता के रूप में, मंदारिन, अंग्रेजी और स्पेनिश के बाद, हिंदी भाषा दुनिया में चौथी सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा है. वैदिक संस्कृत मे हिंदी प्रारंभिक रूप से वंशज भी है.
राष्ट्रीय हिंदी दिवस प्रत्येक साल 14 सितंबर को आधिकारिक भाषा के रूप में घोषित करने के लिए मनाया जाता है, वर्ल्ड हिंदी कॉन्फ्रेंस या विश्व हिंदी सम्मेलन 10 जनवरी को हिंदी भाषा पर एक वर्ड कॉन्फ्रेंस के रूप मे मनाया जाता है.
राष्ट्रीय हिंदी दिवस 14 सितंबर को प्रत्येक साल मनाया जाता है. जबकि विश्व हिंदी सम्मेलन (World Hindi Day) 10 जनवरी को हर तीन साल में एक बार मनाया जाता है.
हजारी प्रसाद द्विवेदी, काका कालेलकर, मैथिली शरण गुप्त और सेठ गोविंद दास के साथ ब्योहर राजेंद्र सिंम्हा के प्रयासों से, हिंदी को भारत की संविधान सभा के माध्यम से गणराज्य भारत की दो आधिकारिक भाषाओं में से एक के रूप में सम्मिलित करवाया गया था.
14 सितंबर 1949 को ब्योहर राजेंद्र सिम्हा का 50वां जन्मदिन के उपलक्ष्य मे उनके प्रयासों के कारण व हिन्दी भाषा मे उनके योगदान के चलते ही हिंदी को आधिकारिक भाषा के रूप में मान्यता मिली ओर अपनाया गया था. इसलिए इस दिन को हिंदी दिवस घोषित किया गया. इसी निर्णय को बाद में 26 जनवरी, 1950 को भारत के संविधान के जरिए संशोधित किया गया था. भारतीय संविधान के अनुच्छेद 343 के तहत देवनागरी लिपि में लिखी गई हिंदी को आधिकारिक भाषाओं में से एक के रूप में अपनाया गया था.
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